सब जगह है
पिताजी: "मैं पिता हूँ तो क्या मुझमें दिल नही"vaah.
प्रस्तुतकर्ता सुभाष चंदर @ 5:12 pm 0 टिप्पणियाँ
सदस्यता लेंसंदेश [Atom]